एक डॉक्टर ने खुद के बारे मे कहा
हमारी शख्सियत का अंदाज़ा तुम क्या लगाओगे ग़ालिब जब गुज़रते है क़ब्रिस्तान से तो मुर्दे भी उठ के पूछ लेते हैं...
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कि डाॅक्टर साहब अब तो बता दो मुझे तकलीफ क्या थी?
हमारी शख्सियत का अंदाज़ा तुम क्या लगाओगे ग़ालिब जब गुज़रते है क़ब्रिस्तान से तो मुर्दे भी उठ के पूछ लेते हैं...
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कि डाॅक्टर साहब अब तो बता दो मुझे तकलीफ क्या थी?
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